Jaipur । जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारत Army ने स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने डेवलप किया है। यह पोर्टेबल मिसाइल कंधे से भी लॉन्च की जा सकती है। इसे दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद वाहनों को बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल से रात में भी हमले किए जा सकते हैं। यह मिसाइल भारतीय थल सेना और पैरा कमांडो के लिए तैयारी की गई है।
एमपी-एटीजीएम हथियार प्रणाली का वजन 14.5 किलोग्राम है और लंबाई 4.3 फीट है। इसे पहली बार कंधे पर रखकर रॉकेट लॉन्चर की तरह लॉन्च किया गया। इसकी रेंज 200 मीटर से लेकर 2.5 किलोमीटर है। इसमें टैंडम चार्ज हीट और पेनीट्रेशन वॉरहेड लगा सकते हैं। इस गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल को भविष्य में अर्जुन टैंक में भी लगाया जा सकता है। यानी टैंक गोले के साथ-साथ मिसाइल भी दागेगा। फिलहाल इसके ट्रायल पूरे हो चुके हैं। सेना में इस मिलाइल के शामिल होने के बाद फ्रांस में बनी मिलन-2टी और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है, और इसे उन्नत प्रौद्योगिकी-आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्मनिर्भरता हासिल करने की तरफ महत्वपूर्ण कदम बताया है।
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