- 41 वर्षों से Green park में अजेय क्रम को टीम इंडिया रखा कायम
कानपुर। भारत-बंगलादेश टेस्ट में ढाई दिन बारिश के कारण खेल खराब होने से उठी आलोचना के बावजूद देश के सबसे पुराने टेस्ट सेंटर में एक एतिहासिक Green park स्टेडियम ने गिरमा को बरकरार रखा और टीम इंडिया के लिए एक बार फिर भाग्यशाली साबित हुआ। 41 वर्षों से यहां अजेय चल रही टीम इंडिया ने ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की जो टेस्ट इतिहास की सबसे आक्रामक साबित हुई। बंगलादेश को सात विकेट से रौंदकर भारत ने सीरीज 2-0 से क्लीन स्वीप करने के साथ ही ग्रीनपार्क में अपने 24वें टेस्ट में आठवीं जीत भी हासिल की।
Green park में तीसरा दिन रद होने से पूरी दुनिया में हो रही थी आलोचना
भारत-बंगलादेश टेस्ट के पहले दिन केवल 35 ओवर का खेल ही हुआ था कि बारिश आ गयी जो दूसरे दिन तक जारी रही। तीसरे दिन हालांकि बारिश तो नहीं हुई लेकिन यहां गीली आउटफील्ड के कारण पूरे दिन में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। यहां अधूरे ड्रेनेज सिस्टम व मैच न हो पाने के बाद इसकी आलोचना पूरी दुनिया में तेजी से होने लगी। सोशल मीडिया में तो लोग ग्रीनपार्क को मेजबानी देने के लिए बीसीसीआई को कोसने लगे। हालांकि चौथे दिन समय से मैच शुरू हुआ और बंगलादेश की पहली पारी 233 रनों पर समेटने के बाद टीम इंडिया ने ऐसे चौकों-छक्कों की बरसात की जैसे कोई टी-20 मैच खेला जा रहा हो। भारत ने टेस्ट इतिहास के सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रनों को बनाने का कीर्तिमान अपने नाम कर 34.4 ओवर में 9 विकेट पर 285 रन बनाते हुए पारी घोषित कर दी। पहली पारी में 52 रनों से पिछड़ चुका बंगलादेश अंतिम दिन भारतीय गेंदबाजों के सामने लंच के पहले ही 146 रनों पर ढेर हो गया और 95 रनों के लक्ष्य को टीम इंडिया ने मात्र तीन विकेट खोकर आधे दिन में ही जीत हासिल कर ली।
फेल होते-होते फुल नंबर से पास हुआ Green park
ग्रीनपार्क स्टेडियम इस टेस्ट के तीसरे दिन ही बदनामी के घेरे में इस कदर घिरा कि यहां अगले मैच की मेजबानी पर भी संकट गहराने लगा। लेकिन जिस तरह रोहित ब्रिगेड ने यहां बंगलादेश को सात विकेट से रौंदकर क्रिकेट प्रशंसकों के चेहरे समेत बीसीसीआई तक को खुशी का तोहफा दिया है, उससे ग्रीनपार्क की छवी गिरने के बजाये और ऊंची हो गयी है।
Green park की काली मिट्टी की पिच की बढ़ी डिमांड
ग्रीनपार्क में खेले गये टेस्ट मैच में कुल मिलाकर दो दिन का भी खेल पूरा नहीं हुआ लेकिन इसमें नतीजा निलकने के बाद अब यहां की काली मिट्टी वाली पिच की डिमांड एकाएक बढ़ गयी है। ढाई दिन बारिश से खराब होने के बावजूद यहां की पिच में बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी अपनी छाप छोड़ी। मैच शुरू होने से पहले यहां पिच को बल्लेबाजों और स्पिनरों की मददगार बताया जा रहा था तो बारिश के बाद व्यव्हार को लेकर कई बदलाव होने को कहा जा रहा था लेकिन इस मैच में दोनों टीमों ने जैसा प्रदर्शन किया उसे देखकर पिच क्यूरेटर शिवकुमार को मैच के बाद बधाईयों का तांता लग गया।