- Chess वाइस प्रेसिडेंट रायजादा बोले कि दिल्ली या चेन्नई से हुई गायब, एफआईआर कराई गई
कानपुर। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में चल रहे 45वें Chess ओलम्पियाड में भारतीय पुरुष व महिला टीम ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। हालांकि उसे असली ट्राफी फिर भी नहीं मिलेगी।
जिसका प्रमुख कारण यह ट्राफी अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के पास से गायब हो चुकी है। जिसकी उसे भनक तक नहीं लगी। सब जगह खोजबीन करने के बाद जब इसका कोई पता नहीं लगा तो एआईसीएफ ने नई दिल्ली में इसके खोने की एफआईआर भी करा दी है। अब स्वर्ण विजेता भारतीय टीम को डमी ट्राफी देकर काम चलाया गया।
एआईसीएफ के उपाध्यक्ष अनिल कुमार रायजादा ने रविवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश शतरंज खेल संघ की वार्षिक आम सभा में बताया कि ‘गैप्रिंडाशविली ट्रॉफी जो ओपन और महिला डिविजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम को दी जाती है, एक माह से अधिक समय से गायब है। यह ट्रॉफी भारतीय पुरुष टीम द्वारा पिछले चरण में जीती गई थी। रायजादा ने कहा, फिडे से ट्रॉफी लाने का अनुरोध मिलने के बाद, हम 30 दिनों से अधिक समय तक इसका पता नहीं लगा सके। इसके बाद हमारे द्वारा एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने बताया कि हमारा हेड क्वार्टर दिल्ली में है, लेकिन वहां ट्राफी नहीं मिली। जिसके बाद हमने चेन्नई आफिस तथा कई खिलाड़ियों से भी संपर्क साधा लेकिन इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी। अब मामला पुलिस के हाथों में है वह ही इसे खोजने का काम करेगी। हमने फिडे से डमी ट्राफी विजेता को देने की गुजारिश की है। गौरतलब है कि ‘गैप्रिंडाशविली ट्रॉफी रोलिंग ट्राफी होती है, जो प्रत्येक विजेता के पास जाती रहती है। हालांकि इस बार भी भारतीय खिलाड़ियों ने इसे जीत लिया है लेकिन पूरी दुनिया में ट्राफी के खो जाने की खबर से अखिल भारतीय शतरंज महासंघ की काफी बदनामी हो रही है।