Kanpur।युग दधीचि देहदान अभियान के अंतर्गत वर्ष 2017 में देहदान(Body donation)संकल्प लेने वाली डब्लू वन ब्लॉक साकेत नगर निवासी 83 वर्षीय महिला श्रीमती उमा श्रीवास्तव ने जैसे ही अंतिम सांस ली उनका शरीर चिकित्सा जगत की अनुपम धरोहर बन गया, उत्तर प्रदेश देहदान अभियान प्रमुख मनोज सेंगर एवम माधवी सेंगर ने तत्काल उनकी पार्थिव देह को कानपुर से लेजाकर फतेहपुर मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया, जिसे एनाटमी विभागाध्यक्ष डॉ शिरीन जहां ने सम्मान सहित स्वीकार किया, इस अवसर पर फतेहपुर देहदान अभियान प्रभारी श्री विनोद गुप्ता एवम श्री अमित गुप्ता भी उपस्थित रहे, अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने बताया कि आज तड़के करीब चार बजे उमा जी का निधन होने पर उनके पुत्र आलोक श्रीवास्तव ने सूचना देकर देहदान कराने का आग्रह किया गया, इसके बाद प्रातः काल सात बजे कानपुर में ही नेत्रदान कराने के बाद सेंगर दंपति उमा जी के आवास पर एंबुलेंस लेकर पहुंचे एवम देह का विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कराने के बाद दोपहर एक बजे फतेहपुर मेडिकल कॉलेज को शरीर दान कराया, ज्ञातव्य है कि इस कॉलेज को यह तीसरा देहदान कराया गया है, पहली देह श्रीमती संतोष ठक्कर 24 अप्रैल 2024 को, दूसरी देह श्रीमती आरती कुमार की 12 मई 2024 को एवम यह तीसरी देह आज दान कराई गई है, पूरे प्रदेश की बात करें तो यह 286वीं देह दान की गई है, अभियान के अंतर्गत अब तक 4000 से अधिक लोग देहदान संकल्प ले चुके हैं इनमे सभी धर्मों एवम वर्गों के लोग शामिल हैं।
सामाजिक सरोकारों के प्रति सजग महिला थी उमाजी
उमाजी ने वर्ष 2017 में देहदान संकल्प लिया था,मनोज सेंगर ने बताया कि वे बुजुर्ग होने पर भी सामाजिक विचारों के प्रति अत्यंत सजग थीं, पुत्र आलोक ने बताया कि वे जब तक होश में रहीं बराबर अपने देहदान एवम नेत्रदान हेतु ताकीद करतीं रहीं, उनका कहना था कि शरीर को जलाने की जगह यदि किसी काम में उपयोग किया जा सके तो यह सबसे बड़ा दान है, मेरी आंखे किसी नेत्रहीन को रोशनी दे सकें इससे बड़ा पुण्य कुछ भी नही
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