Kanpur।World Virus प्रशंसा दिवस के महत्व पर गहनता से प्रकाश डालते हुए Dr. अमरीन फातिमा, गोल्ड मेडिलिट एमडी मेडिसिन , एमएसडब्ल्यू, पीजीडीएमएच और AURA ट्रस्ट की संस्थापिका, के अनुसार, यह दिवस हमें उन सूक्ष्म जीवों, अर्थात् वायरस, की सराहना करने का अवसर प्रदान करता है, जो हमारे जीवन और पर्यावरण में अहम भूमिका निभाते हैं।
Virus का प्राकृतिक चक्र में महत्व
प्रकृति के संतुलन में वायरस की भूमिका को समझना आवश्यक है। कई लोग वायरस को केवल घातक बीमारियों से जोड़ते हैं, परंतु डॉ. फातिमा ने बताया कि ये सूक्ष्मजीव हमारी पृथ्वी पर कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। जैसे कि एक श्लोक में कहा गया है।
Virus के पर्यावरणीय कार्य
Dr. फातिमा के अनुसार, वायरस प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। समुद्री पारिस्थितिकी में वायरस का महत्वपूर्ण योगदान होता है, क्योंकि वे जैविक कार्बन के चक्र को संतुलित रखते हैं। समुद्री वायरस शैवालों को नष्ट करके उन पोषक तत्वों को मुक्त करते हैं, जिनकी महासागर में कई अन्य जीवों को आवश्यकता होती है। इस प्रकार, वे जीवन के निरंतर चक्र का हिस्सा बनते हैं।
Virus और चिकित्सा विज्ञान
Dr. अमरीन फातिमा ने वायरस के वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी उनके महत्व को रेखांकित किया। वायरस का अध्ययन नई चिकित्सा पद्धतियों, जैसे जीन थेरेपी और टीका निर्माण, के क्षेत्र में क्रांति लेकर आया है। यही कारण है कि वायरस के अध्ययन से हमने एंटीवायरल दवाओं और टीकों का निर्माण किया है, जिसने अनेक जीवन बचाए हैं।
विश्व वायरस प्रशंसा दिवस क्यों मनाया जाता है?
Dr. फातिमा के अनुसार, इस दिवस का उद्देश्य वायरस के प्रति एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित करना है। वायरस न केवल बीमारियों के वाहक हैं, बल्कि वे पर्यावरणीय चक्रों और चिकित्सा अनुसंधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस दिन हम उन लाभों को भी स्वीकारते हैं, जो वायरस के अध्ययन ने हमें दिए हैं, जिससे मानवता को भविष्य में लाभ मिल सके।
डॉ. अमरीन फातिमा का मानना है कि हमें वायरस के दोनों पहलुओं—घातकता और उपयोगिता—को समझने की आवश्यकता है। वायरस केवल मानव स्वास्थ्य के लिए एक चुनौती नहीं हैं, बल्कि वे प्राकृतिक और वैज्ञानिक संतुलन का भी एक अभिन्न हिस्सा हैं।
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