New Delhi । PM नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड जिले के भूस्खलन से तबाह हुए इलाकों का दौरा किया। चूरलमाला पहुंचे पीएम मोदी ने एक राहत शिविर का भी दौरा किया, जिसमें बड़े पैमाने पर भूस्खलन में विस्थापित हुए कई लोग रहते हैं। यहां प्रधानमंत्री ने रेस्क्यू किए गए लोगों से बातचीत की, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया है। मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा पहाड़ी जिले में पहुंचे। उन्होंने नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। बाद में, प्रधानमंत्री ने दोपहर करीब 2.30 बजे मेप्पाडी में शिविर का दौरा किया और वहां लगभग आधे घंटे तक कुछ बचे हुए लोगों से बातचीत की।
मोदी ने पीडि़तों के सिर और कंधों पर हाथ रखा, जब वे प्रधानमंत्री को अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़े। कलपेट्टा में उतरने से पहले मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया। वे कलपेट्टा में एसकेएमजे हायर सेकेंडरी स्कूल में उतरे और फिर सडक़ मार्ग से चूरलमाला पहुंचे, जहां आपदा के बाद सेना ने 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया था।
प्रधानमंत्री ने नुकसान का जायजा लेते हुए पुल पर पैदल यात्रा की। चूरलमाला पहुंचने के बाद मोदी अपने वाहन से उतरे, बचाव कर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव वी वेणु और जिला अधिकारियों से बातचीत की और पैदल ही पत्थरों और मलबे से अटे इलाके का सर्वेक्षण किया। उनके साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब से मुझे इस घटना के बारे में पता चला है, तब से मैं भूस्खलन के बारे में जानकारी ले रहा हूं। केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां जो इस आपदा में मदद कर सकती थीं, तुरंत काम पर लग गईं। यह आपदा सामान्य नहीं है। हजारों परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। मैंने मौके पर जाकर स्थिति देखी है। मैंने राहत शिविरों में पीडि़तों से मुलाकात की, जिन्होंने इस आपदा का सामना किया। मैंने अस्पताल में घायल मरीजों से भी मुलाकात की।
पीएम ने कहा कि हमारी प्रार्थनाएं वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के साथ हैं। केंद्र राहत प्रयासों में सहायता के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन हमने दिया है। मैं भूस्खलन से बचे लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे इस मुश्किल समय में अकेले नहीं हैं। सीएम पिनाराई विजयन ने कहा है कि वे केंद्र से आवश्यक सहायता के बारे में विस्तृत ज्ञापन भेजेंगे। हमारी केंद्रीय टीमों ने भी स्थिति का आकलन किया है। भारत सरकार सभी समस्याओं को हल करने के लिए राज्य सरकार के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री के काफिले द्वारा चूरलमाला जाने वाले मार्ग के किनारे सैकड़ों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए सडक़ों के किनारे जमा थे। बता दें कि 30 जुलाई की सुबह केरल में आई सबसे भीषण आपदाओं में से एक में 226 लोगों की जान चली गई और 130 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं सैकड़ों लोग इस आपदा में घायल हुए हैं।
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