Washington। सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को अगले साल फरवरी में धरती पर वापस लाया जाएगा। इसके लिए Elon musk की कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल की मदद ली जा रही है। यह क्रू-9 मिशन है, जिसकी लॉन्चिंग 24 सितंबर 2024 को होगी। पहले इसमें चार एस्ट्रोनॉट्स जा रहे थे। अब सिर्फ दो ही जाएंगे। ताकि लौटते वक्त सुनीता और बुच को ला सकें।
पहले के तय प्लान में मिशन की कमांडर जेना कार्डमैन थीं। पायलट निक हेग, मिशन स्पेशलिस्ट स्टेफनी विल्सन और रूसी कॉस्मोनॉट मिशन स्पेशलिस्ट एलेक्जेंडर गोरबुनोव जा रहे थे। लेकिन अब इसमें सिर्फ दोनों पुरुष एस्ट्रोनॉट्स यानी रूसी एस्ट्रोनॉट और एलेक्जेंडर गोरबुनोव और पायलट निक हेग जाएंगे।
पहले के मिशन पायलट निक हेग अब मिशन के कमांडर है। एलेक्जेंडर के प्रोफाइल में कोई बदलाव नहीं है। क्रू-9 मिशन के ड्रैगन कैप्सूल को स्पेस स्टेशन से डॉक करने के लिए पहले वहां जगह बनाई जा रही है। बोईंग के खराब स्टारलाइनर को 6 सितंबर की देर रात सवा तीन बजे के करीब अनडॉक किया जाएगा। वहां कैप्सूल 7 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे धरती पर लौटेगा। इसके बाद ड्रैगन उसकी जगह पर डॉक होगा।
यह नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा है। स्पेस एक्स के साथ मिलकर स्पेस स्टेशन का 9 रोटेशनल मिशन है। ताकि स्पेस स्टेशन पर लगातार रिसर्च होती रहे। दुनिया को मौसम की सही जानकारी मिलती रहे।
क्या है ड्रैगन कैप्सूल, जो लाएगा सुनीता को
स्पेस एक्स का ड्रैगन क्रू कैप्सूल अपने बनने के बाद से अब तक 46 बार लांच हो चुका है। 42 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की है। 25 बार रीफ्लाइट हुई है। इस कैप्सूल में एक बार में सात एस्ट्रोनॉट्स के बैठने की व्यवस्था है। यह दुनिया का पहला निजी स्पेसक्राफ्ट है, जो लगातार स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स और कार्गो लेकर आता-जाता रहा है। खाली कैप्सूल का वजन 7700 किलोग्राम होता है।
जब यह कार्गो और एस्ट्रोनॉट्स के साथ लांच किया जाता है, तब इसकी अधिकतम वजन क्षमता 12,500 किलोग्राम होती है। यह किसी ऑर्बिट में 6000 किलोग्राम वजन पहुंचा सकता है।
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