London। भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति Ratan Tata का निधन हो गया, उनके निधन पर न केवल भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा ने अपने बिजनेस करियर में एक अद्वितीय पहचान बनाई और उन्हें कई पुरस्कार मिले। उनके निधन की खबर भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के प्रमुख अखबारों(media) में प्रमुखता से छपी है।Pakistani अखबार ने लिखा है कि रतन टाटा ने कई हाई-प्रोफाइल अधिग्रहणों के जरिए एक मजबूत और विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उनकी मेहनत ने परिवार की विरासत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।
British अखबार ने रतन टाटा की मृत्यु को शीर्षक दिया है: अरबपति जगुआर, लैंड रोवर और टेटली टाइकून रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन। अखबार ने बताया कि रतन टाटा भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहचाने जाने वाले कारोबारियों में से एक थे। टाटा समूह, जो जगुआर और लैंड रोवर का मालिक है, का वार्षिक राजस्व 100 बिलियन डॉलर से अधिक है।
अमेरिकी अखबार ने रिपोर्ट में बताया कि रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी रहते हुए मुनाफे को 50 गुना बढ़ाया। रतन टाटा का जन्म 1937 में एक पारसी परिवार में हुआ था और उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1962 में भारत लौटकर, उन्होंने अपने परिवार की कंपनी को संभाला, जिसे 1868 में उनके परदादा जमशेदजी टाटा ने स्थापित किया था।
अरब जगत के मीडिया समूह ने रतन टाटा को इंडस्ट्री लीजेंड और नेशनल आइकन कहा है। अखबार ने लिखा है कि रतन टाटा एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे और अपने शांत व्यवहार और संयमित जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध थे। बांग्लादेशी अखबार ने उन्हें भारत के सबसे सम्मानित बिजनेस दिग्गजों में से एक बताया, जिन्होंने अपने परिवार के उद्यम को एक वैश्विक समूह में बदलकर भारतीय अर्थव्यवस्था को गहराई से प्रभावित किया।