–प्रांतीय सम्मेलन में वक्ताओं ने संस्मरण सुनाकर लोगों में भरा जोश
-क्रीड़ा भारती खेल-खेल में बच्चों एवं किशोरों में चरित्र एवं संस्कार का करती है निर्माण
Kanpur। चरित्र और संस्कार से ही सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण होता है। क्रीड़ा भारती इसी सूत्र वाक्य को लेकर कार्य करती हैं। वह बच्चों एवं youth में खेलों के माध्यम से संस्कार देने का कार्य करती हैं।
ओंकारेश्वर विद्यालय में क्रीड़ा भारती के प्रांत सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संघ संचालक भवानी भीख ने यह बात सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा, क्रीड़ा भारती का मूल उद्देश्य खेल का विकास या खिलाड़ियों का विकास करना नहीं है। उनका चरित्र और संस्कार अच्छा बेहतर करना है। वहीं, विभाग संघ चालक माननीय डॉ. श्याम बाबू गुप्ता और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय शंकर दीक्षित ने क्रीड़ा भारती में बेहतर कार्य करने वाले प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।
अजय शंकर ने संस्मरण सुनाते हुए कहा, एक दशक पहले क्रीड़ा भारती के माध्यम से आओ हम सब खेलें अभियान चलाया था। जिसमें रजत आदित्य दीक्षित ने अहम् भूमिका निभाई थी। उस दौरान बच्चों को मिलने पर जयहिन्द बोलने का सीख दी गई जो उनके संस्कार शामिल हो गई। वह आज भी देखने को मिलता है, जिससे बड़ी प्रसन्नता होती है।
रजत दीक्षित ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी और क्रीड़ा भारती के कार्य करने का तरीका बताया।
प्रांत मंत्री नीतू कटियार ने कार्यक्रम का संचालन कर पिछले वर्ष का का क्रीड़ा भारती का व्रत रखा और क्रीड़ा भारती के बारे में जानकारी दी। इससे पूर्व प्रांत प्रचार प्रमुख वैभव ने खेल गीत गाकर कार्यक्रम को गति प्रदान की। कार्यक्रम में क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा प्रमुख अशोक सिंह, अरुण दुबे, सुनील सिंह, अरुण गुप्ता, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, अनंजय कटियार, विपिन सोनकर, सोनाली धनवानी, मनीषा, संतोष, कंचन, रीना गुप्ता आदि शामिल रहे।